अपने ऋषि महर्षि सन्त एवं अपने शास्त्रों ने एक महान् उद्देश्य प्रस्तुत किया है- "सर्वे भवन्तु सुखिनः" सभी सुखी होंगे तो हम भी सुखी हो जायँगे सब के सुख के लिए प्रयास करना परमार्थ है। सब को सुखी करना अपने हाथ की बात नहीं है परन्तु फिर भी यह पवित्र भाव अपने जीवन का उद्देश्य बन जाए तो व्यक्ति जो कुछ भी करेगा वह सब उसकी निष्काम- सेवा,उपासना ही होगी। उपरोक्त भावों से भावित होकर समाज सेवा के पवित्र कार्य का बीड़ा उठाया है। बहुत विशाल समाज है प्रदेश व देश के अनेक भागों म,...
Read Moreमानव जीवन भगवत् कृपा से प्राप्त होता है प्राणी 84 लाख योनियों में भटकने के बाद में भगवद् अनुग्रह से मानव जीवन प्राप्त करता है। मानव जीवन का एकमात्र उद्देश्य भगवत् प्राप्ति करना, अपना कल्याण करना और जन्म-मरण के बन्धन से मुक्त होना है। इसे प्राप्त करने के लिए परमात्म प्रभु ने बल, बुद्धि, विवेक और सामर्थ्य भी मानव को प्रदान किया है।अन्य किसी भी योनि में सामर्थ्य नहीं है।अन्य योनियाँ त,...
Read Moreमारु प्रजापति समाज सिरोही जिले के प्रवासियों द्वारा विरार मुम्बई में आयोजित स्नेह मिलन समारोह में पूज्य महाराजश,...
जय श्रीकृष्ण……जय हिन्द! स्वतन्त्रता दिवस के अवसर पर श्रीपतिधाम नन्दनवन के पावन परिसर में ध्वजारोहण करते हुए महार,...
जय श्रीकृष्ण… #ऋषिकेश_हरिद्वार यात्रा प्रवास ऋषिकेश में पतित पावनी माँ गंगा के पावन तट पर मस्तराम बाबा गौशाला में ,...